तेज धार से डर कर,मां और दल से बिछड़ा हाथी का बच्चा मनुष्यों के बीच फंसा,इस तरह रेस्क्यू की तैयारी में जुटा है वन विभाग

जशपुर नगर अपने दल से अलग हो कर हाथी का एक हाथी का बच्चा तपकरा रेंज के समडमा गांव के समीप पहुँच गया। फिर क्या था,गांव के युवा और बच्चों ने इस छोटे हाथी को पकड़ लिया और इसे एक खिलौने की तरह पकड़ कर खेलते हुए मोबाइल से वीडियो और फोटो बना कर,इंटरनेट मीडिया में पोस्ट करने लगे। ग्रामीणों के बीच इस छोटे हाथी को फंसा हुआ देख कर वन विभाग के आला अधिकारियों के होश उड़ गए। डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय सहित आला अधिकारियों ने समडमा की ओर दौड़ लगाई। इस बीच मौके पर पहुँचे वन विभाग के मैदानी कर्मचारियों ने हाथी के बच्चे को समडमा के सरकारी स्कूल के मैदान में सुरक्षित रखने की व्यवस्था की। विभाग ने पशु चिकित्सको की सहायता से उसका स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया। फिलहाल,विभाग के अधिकारी,इस हाथी के बच्चे को उसकी माँ और दल से मिलाने की कवायद में जुटे हुए हैं। इस बीच,हाथी के इस बच्चे के नदी के बाढ़ में फंस कर बहते हुए बस्ती में पहुँचने का दावा भी किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों का दल ईब नदी को पार करने के दौरान,बच्चा तेज धार में फंस कर दल से अलग हो गया और बहते हुए किनारे आ गया होगा। लेकिन इन दावों की अभी तक पुष्टि नही हो पाई है। जानकारी के लिए बता दें झारखण्ड,ओड़िसा और छत्तीसगढ़ की अंर्तरराजिय सीमा पर स्थित तपकरा वन परिक्षेत्र में इस समय अलग अलग समूह में 33 हाथी डेरा जमाए हुए हैं। वहीं,जिले में हाथियों की संख्या 61 तक पहुँच गई है। हाथियों की लगातार बढ़ती हुई संख्या से जन और सम्पति हानि का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। गम्भीर होती इस समस्या को नियंत्रित करने का कोई भी सरकारी प्रयास अब तक अपेक्षित सफलता प्राप्त नहीं कर सका है।

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